Thursday 29 December 2011

नदिया की बूँदें

हर बूँद जो नदिया संग चलती है नहीं पा लेती सागर को 
कुछ कमंडल  में साधू के ,तो कुछ अंजुली में तर्पण को 
कुछ चाहत बन कर अमृत की ,खो जाती अपनों ही में 
कुछ चढ़ती  चरणों में ,तो कुछ संतों की संगती में 


ख्वाइश होती हर इक बूँद की खो जाने को सागर में  
पर राह में कंटक बन छिटक जाती निर्मम वन में 
सूर्य की  किरणों में ज्यों सो जाती आलस्य में 
जहां  से चली थी पहुँच जाती  वहीँ दुर्भाग्य में 


बूंदों का क्या है , समझौते हैं  नदिया से
साथ चलकर करने मिलन दरिया से 
छिटकी हुई बूंदे भी भाग्य पर इठलायेंगी 
क्यूंकि नदिया की धारा तब 'खारी 'कहलायेंगी 



4 Comments:

At 29 December 2011 at 21:19 , Blogger tips hindi me said...

टिप्स हिंदी में ब्लॉग की तरफ से आपको नए साल के आगमन पर शुभ कामनाएं |

टिप्स हिंदी में

 
At 30 December 2011 at 22:13 , Blogger vandana gupta said...

बहुत खूबसूरत प्रस्तुति……………आगत विगत का फ़ेर छोडें
नव वर्ष का स्वागत कर लें
फिर पुराने ढर्रे पर ज़िन्दगी चल ले
चलो कुछ देर भरम मे जी लें

सबको कुछ दुआयें दे दें
सबकी कुछ दुआयें ले लें
2011 को विदाई दे दें
2012 का स्वागत कर लें

कुछ पल तो वर्तमान मे जी लें
कुछ रस्म अदायगी हम भी कर लें
एक शाम 2012 के नाम कर दें
आओ नववर्ष का स्वागत कर लें

 
At 30 December 2011 at 22:31 , Blogger सदा said...

बूंदों का क्या है , समझौते हैं नदिया से
साथ चलकर करने मिलन दरिया से
छिटकी हुई बूंदे भी भाग्य पर इठलायेंगी
क्यूंकि नदिया की धारा तब 'खारी 'कहलायेंगी
बहुत ही सुन्‍दर भावमय करते शब्‍दों का संगम
नववर्ष की अनंत शुभकामनाएं ।

 
At 30 December 2011 at 22:52 , Blogger RITU BANSAL said...

आप सभी का ह्रदय से धन्यवाद व आभार ..
आप सभी को भी नए वर्ष की मंगलकामनायें ...

 

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home