Saturday 3 March 2012

मन के रंगों से खेलो होरी ,



मन के रंगों से खेलो होरी ,
 होरी सज जायेगी 
तन से दूर हटा मन की जोर जोरी 
होरी सज जायेगी 
हो रंग प्यार का अंग ,संग चाहत थोड़ी थोड़ी 
भूलें बैर बदरंग ,चढ़ा के नशा जिसमे आनंद 
                                 मिल जाएँ हम जोली 
भाव  में रहो जैसे मकरंद ,ये दिन दुनिया के चंद 
हो दुष्ट अहित का अंत ,पी के सत्संग की ऐसी भंग 
                                      भर जायेगी होली 
तो फिर ......
बचपन के रंगों से खेलो होरी ,होरी सज जायेगी 
बरसा कर मोह प्यार हरदम जैसे भोर भोरी 
होरी सज जायेगी 
(चित्र गूगल से )

15 Comments:

At 3 March 2012 at 23:45 , Blogger Jeevan Pushp said...

हो रंग प्यार का अंग ,संग चाहत थोड़ी थोड़ी
भूलें बैर बदरंग ,चढ़ा के नशा जिसमे आनंद
मिल जाएँ हम जोली
भाव में रहो जैसे मकरंद ,ये दिन दुनिया के चंद
हो दुष्ट अहित का अंत ,पी के सत्संग की ऐसी भंग
भर जायेगी होली
बहुत सुन्दर प्रस्तुति !

 
At 4 March 2012 at 00:01 , Blogger धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत बढ़िया भाव अभिव्यक्ति,बेहतरीन रचना,..

भूले सब सब शिकवे गिले,भूले सभी मलाल
होली पर हम सब मिले खेले खूब गुलाल,
खेले खूब गुलाल, रंग की हो बरसातें
नफरत को बिसराय, प्यार की दे सौगाते,

NEW POST...फिर से आई होली...
NEW POST फुहार...डिस्को रंग...

 
At 4 March 2012 at 02:05 , Blogger डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

सुन्दर!
बहुत सार्थक प्रस्तुति है!

 
At 4 March 2012 at 05:30 , Blogger विभूति" said...

बहुत ही खुबसूरत रंगों से भरा हो आपका होली का त्यौहार.....

 
At 4 March 2012 at 10:29 , Blogger Savita Tyagi said...

Beautiful. Miss the Holli.

 
At 4 March 2012 at 19:12 , Blogger udaya veer singh said...

होली की खुमार परवान चढ़े जीवनके सारे रंग अपने स्वरुप को सुघरता प्रदान करते हुए अनंत खुशियों को वरण करें ,होली की और सृजन की ह्रदय से बधाईयाँ जी /

 
At 4 March 2012 at 21:57 , Blogger सदा said...

अनुपम भाव संयोजन लिए ...उत्‍कृष्‍ट अभिव्‍यक्ति ।

 
At 4 March 2012 at 23:51 , Blogger दिगम्बर नासवा said...

वाह ... बचपन के रंग हर साल मिलते रहें तो होली का मज़ा दुगना हो जाता है ...
आपको होली की शुभकामनायें ...

 
At 5 March 2012 at 02:43 , Blogger Anju (Anu) Chaudhary said...

होली के पर्व की बहुत बहुत शुभकामनएं

 
At 5 March 2012 at 09:08 , Blogger virendra sharma said...

हो रंग प्यार का अंग ,संग चाहत थोड़ी थोड़ी
भूलें बैर बदरंग ,चढ़ा के नशा जिसमे आनंद
मिल जाएँ हम जोली
भाव में रहो जैसे मकरंद ,ये दिन दुनिया के चंद
हो दुष्ट अहित का अंत ,पी के सत्संग की ऐसी भंग
भर जायेगी होली
शानदार प्रस्तुति .होली मुबारक .

 
At 5 March 2012 at 09:32 , Blogger Satish Saxena said...

काश बचपन के रंग बापिस मिल जाएँ ! आप की रचना प्रभावशाली हैं !
रंगोत्सव की शुभकामनायें स्वीकार करें !

 
At 5 March 2012 at 10:10 , Blogger Atul Shrivastava said...

होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं......

 
At 7 March 2012 at 22:18 , Blogger sangita said...

अनुपम भाव प्रभावशाली रचना हैं |होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं......

 
At 9 March 2012 at 19:13 , Blogger ANULATA RAJ NAIR said...

भूलें बैर बदरंग ,चढ़ा के नशा जिसमे आनंद
मिल जाएँ हम जोली
भाव में रहो जैसे मकरंद ,ये दिन दुनिया के चंद

मीठी-मधुर प्रस्तुति.......

 
At 9 March 2012 at 21:58 , Blogger RITU BANSAL said...

होली की शुभकामनाओं से त्यौहार ही नहीं ये पृष्ठ भी रंगीन कर दिया आप सभी ने..
आभार !

 

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