Friday 18 January 2013

तन्हाई ..


आप सब के कहने से एक बार फिर लिख रही हूँ अपने ब्लॉग पर ..जिस किसी मित्र को पसंद आये और वो शेयर करना चाहे ,उनसे विनती है की रचियता को उसके अधिकार से वंचित न करें ..उसकी कृति उसका परिश्रम है ..उसका सम्मान कर कृपया एक बार उसकी आज्ञा ज़रूर  लें ..
..धन्यवाद।।

कानो में आके कुछ कह गयी तन्हाई ..
क्यूँ उस  की याद आई क्यूँ उस  की याद आई ..
बिन बोले ज्यूँ  सब कुछ यूँ  दे गया हो   सुनाई 
बिना बात ख़्वाबों के ताने बाने बुन आई ..
शाम ढलने को है ...फिर उसकी याद सताई ..
मद्धम सी रौशनी में क्यूँ  वो दे रहा दिखाई 
बावरी पवन के झोंके सी  ..रात अधूरी खिल आई 
मन के धरातल पर पूरी पड़ी  वो रंगत वो परछाई ..
रंगीनियत  रूह की ..कभी तन की भीनी अंगडाई 
बेबाक अधरों  पर पंखुड़ी सी  सुर्ख लालिमा उभरायी 
हया के नूर से जब बेचैनी मुस्कुराई ..
हज़ार रंग बन कर रात खिलखिलाई इठलाई ..
                                                      ( चित्र गूगल के सौजन्य से  )

Wednesday 16 January 2013

आँसू छलक आये ...










गैर ज़माने पे कोई मुकम्मल असर न हुआ ..हादसे होते रहे ...इलज़ाम लगते रहे ..
इंसानों की भीड़ में हर शक्स अक्स से हुआ जुदा ..
न देखा उसने अपनाप को न पढ़ा तेरा चेहरा ..के लोग चले गए ..
मांगते रहे बस एक सवेरा ...

R.I.P. -Damini-Nirbhaya ! 16-01-2013




(चित्र वेबसाइट से )